नेहा ब्याड़वाल की कहानी: 20 की उम्र में बनीं IAS, 3 साल तक छोड़ा सोशल मीडिया और मोबाइल

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नई दिल्ली — कुछ कहानियां सिर्फ प्रेरणा देती हैं, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी ही कहानी है नेहा ब्याड़वाल की, जिन्होंने मात्र 20 वर्ष की उम्र में UPSC जैसी कठिन परीक्षा को सिर्फ पास किया, बल्कि इस दौरान खुद को सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से पूरे तीन साल तक पूरी तरह दूर रखा।


 शुरुआत कहां से हुई?

नेहा का जन्म 23 जुलाई 1999 को जयपुर, राजस्थान में हुआ। उनका बचपन छत्तीसगढ़ में बीता, जहां उनके पिता श्रवण कुमार, आयकर विभाग में वरिष्ठ अधिकारी हैं। पिता की ट्रांसफर वाली नौकरी के कारण नेहा को अलग-अलग शहरों और स्कूलों में पढ़ाई करनी पड़ी — जो किसी भी छात्र के लिए आसान नहीं होता।

शिक्षा के सफर में उन्होंने जयपुर, कोरबा, बिलासपुर और भोपाल जैसे शहरों के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाई की, जिनमें डीपीएस (DPS) और Kidzee High School जैसे संस्थान शामिल हैं।


 UPSC का सफर: आसान नहीं, लेकिन अडिग इरादों वाला

नेहा ने पहली तीन बार UPSC परीक्षा में असफलता का सामना किया। लेकिन तो उन्होंने खुद पर से विश्वास खोया, ही मेहनत करना छोड़ा। चौथी कोशिश में, उन्होंने केवल परीक्षा पास की, बल्कि IAS पद के लिए शानदार रैंक हासिल की।


तीन साल बिना मोबाइल और सोशल मीडिया – नेहा का डिसिप्लिन मंत्र

जब आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और स्मार्टफोन से जुड़ी रहती है, नेहा ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए इनसे पूरी तरह दूरी बना ली। उन्होंने तीन साल तक कोई सोशल मीडिया ऐप नहीं खोला और मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए किया।

उनका मानना है कि सफलता के लिए जरूरी है एक शांत, केंद्रित और अनुशासित माहौल।

ध्यान भटकाने वाली चीजों को छोड़ो, तो मंज़िल अपने आप पास जाती है,” नेहा कहती हैं।


 नेहा का युवाओं को संदेश

कभी हार मत मानो। असफलता अंत नहीं है, बल्कि एक सीख है। अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।”

उनका यह संदेश आज की युवाओं के लिए केवल प्रेरणादायक है, बल्कि एक नया दृष्टिकोण भी देता है — जहां डिजिटल डिटॉक्स ही सफलता की पहली सीढ़ी हो सकती है।