JMM का बड़ा बयान: बिहार में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी पार्टी, वोटर रिवीजन को बताया साजिश

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झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने ऐलान किया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन के तहत लड़ेगी। इस संबंध में पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव से बातचीत करेगी। वहीं पार्टी ने बिहार में हो रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है और इसे बीजेपी की एक सुनियोजित साजिश करार दिया है।

दलितों-आदिवासियों को वंचित करने की कोशिश
पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र में बीजेपी ने मतदाताओं की संख्या बढ़ाकर चुनाव जीता, उसी तरह बिहार में अब मतदाता पुनरीक्षण के जरिए गैर-बीजेपी वोटरों को—खासकर आदिवासी, दलित, मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग को—वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश रची जा रही है।

90% ग्रामीणों के पास जरूरी कागजात नहीं
भट्टाचार्य ने बताया कि बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण में आधार कार्ड और EPIC नंबर को मान्यता नहीं दी जा रही है। गांवों में रहने वाले करीब 90% गरीब और प्रवासी मजदूरों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, जिससे उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है। JMM ने इस कदम को बीजेपी को फायदा पहुंचाने की चाल बताया है।

झारखंड में भी साजिश की आशंका
JMM नेता ने चेतावनी दी कि यही प्रक्रिया जल्द ही झारखंड में भी लागू की जा सकती है। पार्टी इसका विरोध विपक्षी दलों के साथ मिलकर करेगी क्योंकि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

चुनाव से पहले अराजकता फैलाने की साजिश
भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग की इस कार्यवाही को बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने और चुनाव से पहले अराजकता फैलाने की साजिश बताया। उन्होंने आरएसएस के सरकार्यवाह के उस बयान की भी निंदा की जिसमें संविधान की प्रस्तावना से “समाजवाद” और “धर्मनिरपेक्षता” शब्दों को हटाने की मांग की गई थी।

‘नमो-अंबानी-अडानी’ बनाम समाजवाद
JMM महासचिव ने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा कि अब बाजार में ‘समाजवाद’ की जगह ‘नमो-अंबानी-अडानी’ जैसे शब्द चलन में आ गए हैं। यह लोकतंत्र और संविधान की मूल विचारधारा पर सीधा हमला है।