बिहार में नीतीश सरकार पर परिवारवाद के आरोप, तेजस्वी यादव ने किया तीखा प्रहार, जानिए कौन हैं वे लोग जिनकी नियुक्तियों पर सवाल उठे।

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बिहार में चहेतों को पद बांटने पर सियासत गर्म, तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर जमकर साधा निशाना

बिहार की सियासत एक बार फिर परिवारवाद और सिफारिशी नियुक्तियों को लेकर गरमा गई है। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा की बेटियों और एनडीए नेताओं के दामादों को अहम सरकारी पद मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीखा हमला बोला है।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आसपास एक ‘गुट’ सक्रिय है, जो अपने रिश्तेदारों के लिए मलाईदार पद हथियाने में जुटा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की खुद अपने प्रशासन पर कोई पकड़ नहीं रह गई है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए राष्ट्रपति के एक आदेश की कॉपी के अनुसार, 9 अक्टूबर 2023 को जारी आदेश में संजय झा की बेटियां — सत्या झा और आद्या झा — को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की पैरवी के लिए ‘ग्रुप ए पैनल काउंसल’ के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है।

सामान्यतः ऐसे पदों पर कम से कम 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले वकीलों की नियुक्ति होती है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में अपवाद बनाए जा सकते हैं।

कानून मंत्रालय के तहत आने वाला डिपार्टमेंट ऑफ लीगल अफेयर्स देशभर की अदालतों और ट्रिब्यूनल्स के लिए पैनल वकीलों की नियुक्ति करता है। हालांकि ये पद सरकारी नौकरी नहीं होते, लेकिन इन पर अच्छे फीस और प्रतिष्ठा मिलती है।

बताया गया है कि सत्या झा ने 2019 में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज (NUJS) से ग्रेजुएशन किया और फिर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कानून में मास्टर्स किया। उन्होंने अमरचंद मंगलदास जैसी बड़ी लॉ फर्म में भी काम किया है। वहीं, आद्या झा ने भी NUJS से कानून की पढ़ाई कर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स पूरा किया है।

संजय झा के करीबी एक सूत्र का कहना है कि “देशभर में 500 से ज्यादा पैनल वकील हैं, और संजय झा की बेटियां इस पद के लिए न केवल योग्य, बल्कि अधिक योग्य हैं।”

इसी बीच, एनडीए नेताओं के दामादों को मिले पदों पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। दिवंगत एलजेपी नेता रामविलास पासवान की बेटी के पति मृणाल पासवान को हाल ही में बिहार अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।

जब इस पर मृणाल से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, “मैं अब एक जिम्मेदार पद पर हूं, इसलिए इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं समझता।”

एलजेपी (रामविलास) के सांसद और पासवान के दामाद अरुण कुमार भारती ने पलटवार करते हुए कहा, “तेजस्वी यादव को नैतिकता पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वे खुद सिर्फ कक्षा 9 तक पढ़े हैं। जब भी राजद सत्ता में आती है, सरकार और परिवार में अंतर करना मुश्किल हो जाता है।”

वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार मांझी को अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा, “मैं पिछले 25 वर्षों से जनसेवा में सक्रिय हूं। कुछ लोगों को दूसरों की तरक्की रास नहीं आती।”

इसके अलावा, एलजेपी सांसद संभावी चौधरी के पति सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का सदस्य बनाया गया है। सायन पूर्व आईपीएस और परिषद के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल के बेटे भी हैं।

जब इस पर सवाल उठाया गया तो जदयू मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, “सबसे पहले ये तय करें कि सायन, किशोर कुणाल के बेटे हैं या मेरे दामाद। उनकी खुद की एक पहचान और प्रभाव है।”

सायन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं हमेशा समाज के गरीब और पिछड़े तबकों के लिए काम करता रहा हूं। सार्वजनिक सेवा के मूल्यों को लेकर मेरी प्रतिबद्धता अडिग रही है। तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार की विरासत के वाहक हैं, जिसे बिहार की जनता भली-भांति जानती है।”

तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस को संबोधित करते हुए कटाक्ष किया, “बिहार में अब ‘जमाई आयोग’ भी बना देना चाहिए। यह सरासर भाई-भतीजावाद और पक्षपात का मामला है।”

तेजस्वी ने पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार का भी जिक्र किया, जिनकी पत्नी रश्मि रेखा वर्मा को बिहार राज्य महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है।